पिछले कुछ समय से GST (वस्तु एवं सेवा कर) एक ज्वलंत मुद्दा बना हुआ है. इस पर काफी बार संसद में बहस हो चुकी है. और साथ में यह टेलीविज़न बहसों में भी मुख्य मुद्दा बना हुआ है. ५ नवम्बर २०१६ को इस पर कुछ प्रगति दिखाई दी और काउंसिल ने इसकी दर निर्धारित करी हैं. यह दरें ४ श्रेणियों में बांटी गयी हैं जो कि ५% से लेकर २८% तक हैं. अगर सरकार इसे संसद में शीत सत्र में मंजूरी दिला पाती है तो १ अप्रैल से ये लागू हो सकता है. इस पोस्ट से हम जानने की कोशिश करेंगे कि GST की ये दरें आपको कैसे प्रभावित कर सकती हैं.
क्या है वस्तु एवं सेवा कर (GST) अधिनियम का उद्देश्य?
जीएसटी का मुख्य उद्देश्य था कि देश में वर्त्तमान में उपस्थित कई प्रकार के कर यानी टैक्स को ख़त्म कर के एक ही कर सामान दर से सभी राज्यों में लगाया जाए. इस से दोतरफा फायदा होने की उम्मीद है. पहले तो इस से पूरे देश में कीमते लगभग एक समान हो जाएंगी. अलग अलग राज्यों में कर की दर अलग अलग होने की वजह से कई बार समान वस्तुओ की दर अलग अलग होती है. जैसे कि पेट्रोलियम उत्पाद. पेट्रोल का मूल्य राज्य से राज्य में काफी बदलता है. GST के लागू होने से ये एक सामान हो जाएगा.
और दूसरा फायदा पहुंचेगा व्यापार करने वालो को. वो अलग अलग राज्य के अलग अलग टैक्स नियमों को पूरा करने के बजाय सभी राज्यों में एक ही दर से टैक्स भर सकते हैं. और एक्साइज ड्यूटी, राज्यों का वैट, प्रवेश शुल्क आदि कई प्रकार के टैक्स की जगह पर केवल एक ही टैक्स भरना पड़ेगा. इस व्यवस्था से टैक्स भरना एक आसान काम हो जाएगा. साथ ही इस से देश की अर्थव्यवस्था को भी फायदा पहुचेगा.
हालाँकि हम देख सकते हैं कि अभी भी सिर्फ एक कर की दर नहीं है बल्कि कुल ४ दरों में GST लगाया जाएगा. परन्तु यह दरें विभिन्न प्रकार की वस्तुओं और सेवाओं के अनुसार बांटी गयी हैं. तो इस के बाद कर की ४ दरें तो रखी गयी हैं परन्तु वो सभी राज्यों में समान हैं.
क्या असर होगा नयी दरो से?
अभी तक की जानकारी के अनुसार कुल ४ दरो में कर लगाया जाएंगा परन्तु कौन सी वस्तु किस दर के दायरे में आएगी इस को लेकर स्तिथि पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है. ये ४ दरें हैं ५%, १२%, १८% और २८%. जिसमे से ५% कर श्रेणी में आम जरुरत की चीजे आएंगी और २८% में विलासिता (लक्ज़री) वाली वस्तुएं, तम्बाकू, सॉफ्ट ड्रिंक आदि.
महंगाई पर काबू पाने की कोशिश
अभी तक देखा गया है कि जिन देशों ने GST या इस तरह की एकीकृत टैक्स प्रणाली को लागू किया है वहां कुछ समय के लिए महंगाई में इजाफा हुआ है. भारत जैसे देश में, जहाँ महंगाई दर पहले ही बहुत ज्यादा है, यह एक नकारात्मक बिंदु हो सकता है. परन्तु ख़ुशी की बात यह है कि सरकार इस बात का संज्ञान लेती हुई दिख रही है. मुलभुत जरुरत की चीजो जैसे खाने की वस्तु पर कोई कर नहीं लगेगा. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में शामिल ५०% प्रतिशत वस्तुओं पर कोई कर नहीं लगाया जाएगा. इस से अवश्य ही महंगाई दर को काबू करने में मदद मिलेगी.
इसके अलावा आम इस्तमाल की वस्तुओं पर भी केवल ५% की दर से ही टैक्स लगाया जाएगा. इसकी वजह से कुछ जरुरत की वस्तु अभी से कम दाम में भी उपलब्ध हो सकती हैं.
सेवा कर में वृद्धि की संभावना
सेवा कर की दर मौजूदा १५% से १८% हो सकती है. इस से आपके फ़ोन बिल, इन्टरनेट बिल और आपके खाने के बिल में इजाफा हो सकता है.
अनिश्चितता
वित्त मंत्री के अनुसार GST काउंसिल ने टैक्स की दरें निर्धारित की हैं परन्तु कौन सी वास्तु किस दर के दायरे में आएगी इसको निर्धारित करने की जिम्मेदारी राजस्व आयुक्तों को दी गयी है. साथ ही GST लागू करने से जिन राज्यों को नुक्सान होगा उसकी भरपाई के लिए अलग से सेस लगाने का प्रावधान किया गया है. हालाँकि इसकी दर भी अभी निर्धारित नहीं की गयी है. भरे जाने वाले टैक्स की निगरानी राज्य या केंद्र कौन करेगा?
अभी भी काफी सवालों के जवाब आने बाकी हैं. जैसे जैसे ये मामले साफ़ होते जाएंगे हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताते रहेंगे.
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