म्यूच्यूअल फण्ड: डेब्ट फण्ड, इक्विटी फण्ड और लिक्विड फण्ड

आजकल म्यूच्यूअल फण्ड एक जाना पहचाना नाम है. टेलीविज़न में कई विज्ञापनों के साथ साथ आज कल निवेशकों की जागरूकता की वजह से इसमें रूचि बढ़ रही है. म्यूच्यूअल फण्ड में अगर लम्बे समय तक निवेश किया जाए तो यह एक अच्छा निवेश का साधन है. पर बाजार में बहुत प्रकार के म्यूच्यूअल फण्ड उपलब्ध हैं. इस पोस्ट में हम जानेंगे कुछ म्यूच्यूअल फण्ड के प्रकारों के बारे में.

म्यूच्यूअल फण्ड को बहुत प्रकार से विभाजित किया जा सकता है. जैसे कि कोई म्यूच्यूअल फण्ड कहाँ निवेश करता है. या जैसे कि आप कब तक किसी म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश कर सकते हैं. या कोई फण्ड कितनी समय सीमा के निवेश के लिए उपयुक्त है. इस पोस्ट में हम मुख्यतः देखेंगे की म्यूच्यूअल फण्ड आपके पैसे का कैसे निवेश करते हैं. आगे दिए गए चित्र में आप देख सकते हैं कि हम ४ प्रकार के फण्ड के बारे में बात करेंगे.

म्युचल फंड के प्रकार

डेब्ट फण्ड:

डेब्ट फण्ड मुख्य रूप से निश्चित आमदनी वाले बांड में निवेश करते हैं. जैसे कि कॉर्पोरेट बांड, सरकारी बांड आदि में निवेश किया जाता है. ये निवेश  विकल्प कम जोखिम वाले होते हैं. इसमें मुख्यतः ब्याज आदि से आमदनी होती है. क्यूंकि ये कम जोखिम वाले विकल्प हैं,  तो अगर आप स्थायी आमदनी चाहते हैं तो इन फण्ड में निवेश कर सकते हैं. इन फण्ड में आपको फिक्स्ड डिपाजिट (सावधि जमा खाता) से ज्यादा लाभ होता है. हालांकि यह सावधि जमा खाते से अधिक लाभ देता है परन्तु उसकी तुलना में थोडा अधिक जोखिम होता है.

कुल मिला कर इसमें आपको सावधि जमा की तुलना में लाभ अधिक होता है. और अधिकतर बार यह महंगाई की दर से अधिक लाभ दिलाता है. यदि आप एक कम जोखिम वाला तुलनात्मक रूप से स्थिर निवेश का विकल्प खोज रहे हैं तो डेब्ट फण्ड आपके लिए एक अच्छा विकल्प है.

इक्विटी फण्ड:

इक्विटी फण्ड मुख्य रूप से शेयर बाजार में पूंजी का निवेश करते हैं. थोडा हिस्सा पूंजी बाजार में भी निवेश किया जाता है. हालांकि अधिकतर निवेश शेयर बाजार में कंपनी के शेयर खरीदने में किया जाता है. क्यूंकि इक्विटी फण्ड में अधिकतर हिस्सा शेयर बाजार में निवेश होता है तो इसमें जोखिम तुलनात्मक रूप से अधिक होता है.

हालाँकि अन्य म्यूच्यूअल फण्ड की अपेक्षा इसमें लाभ भी अधिक होता है. और यदि आप इसमें अधिक समय तक निवेश कर के रखते हैं तो जोखिम कम हो जाता है. अगर आप ७ से १० साल तक निवेश करते हैं तो इस अवधि में बाजार अपने उतार चढाव का एक चक्र पूरा कर लेता है और इस से आपके बाजार के गिरने के स्तिथि में होने वाले नुक्सान की संभावना काफी कम हो जाती है.

लम्बी अवधि में इक्विटी फण्ड महंगाई की तुलना में अधिक लाभ देता है. अधिक़तर फिक्स्ड डिपाजिट में आपको केवल ८ प्रतिशत अधिकतम लाभ होता है. अगर इस से आप महंगाई दर को घटा दें तो आपको ३ प्रतिशत लाभ होता है. हालाँकि, इक्विटी फण्ड में आप लम्बी अवधि में १२ प्रतिशत तक लाभ की आशा कर सकते हैं और यह ३० से ५० प्रतिशत का लाभ होता है.

लिक्विड फण्ड:

लिक्विड फण्ड को आप अपने बचत खाते के विकल्प के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं. लिक्विड फण्ड आपके धन को निकट  भविष्य में पूरी होने वाली डेब्ट योजनाओं में या सरकारी बांड आदि में निवेश करते हैं. इसमें आपको सेविंग बैंक खाते की तुलना में थोडा अधिक ब्याज मिलेगा. इसमें निवेशित धन को जरुरत पड़ने पर जल्दी निकाल सकते हैं. इन फण्ड में आपको फण्ड पर लगने वाला एक्सपेंस रेश्यो कम होता है.

हालाँकि यदि आप एक साल या अधिक समय के लिए निवेश करते हैं तो कम अवधि के डेब्ट फण्ड में निवेश कर सकते हैं.

बैलेंस्ड फण्ड:

बैलेंस्ड फण्ड आपके धन को इक्विटी फण्ड और डेब्ट फण्ड में बाँट कर निवेश करते हैं. बैलेंस्ड फण्ड आपको डेब्ट फण्ड की जोखिम सुरक्षा के साथ ही इक्विटी फण्ड के लाभ दिलाते हैं. यदि आप ३ से ५ साल की अवधि तक के लिए निवेश का साधन खोज रहे हैं तो बैलेंस्ड फण्ड आपके लिए उपयुक्त रहेगा.

इक्विटी फण्ड में कम समय के निवेश में नुकसान की संभावना अधिक रहती है. बैलेंस्ड फण्ड में डेब्ट फण्ड वाला हिस्सा होने से बाजार के उतार चढाव से होने वाले नुक्सान में कमी रहती है. इसलिए मध्यम अवधि के लिए यह एक अच्छा निवेश का साधन है.

इस पोस्ट में हमने निवेश के तरीको की वजह से विभिन्न प्रकार के म्यूच्यूअल फण्ड के बारे में बताया. आपने जाना कि किस प्रकार के लक्ष्यों के लिए आप कौन से फण्ड में निवेश कर सकते हैं. आगे आने वाले पोस्ट में हम अन्य तरीको से म्यूच्यूअल फण्ड के विभाजन के बारे में बात करेंगे और देखेंगे कि किस प्रकार से अलग अलग लक्ष्यों के लिए निवेश कर सकते हैं.